2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – 2 रकात फर्ज नमाज का तरीका

आज के इस पैग़ाम में आप 2 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसानी से जानेंगे, हमने यहां पर 2 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों एक एक बताया है।

हम सभी को नमाज पढ़ने का सही तरीका ज़रूर मालुम होना चाहिए जिससे हम सब सही तरीक़े से नमाज मुकम्मल कर के अपने नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा कर सकें इसीलिए आप इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें।

इससे पढ़ने के बाद आप 2 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का दुरूस्त तरीक़ा बहुत ही आसानी से जान जाएंगे जिससे आप हर दिन की 2 रकात फर्ज नमाज आसानी से अदा और मुकम्मल कर के ज़िंदगी में सुकून हासिल करेंगे।

2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika

सबसे पहले आप को यह बताते चले कि 2 रकात फर्ज नमाज आप एक तो अकेले यानी बगैर जमात के पढ़ते हैं जिसमें हमारी इस्लामी मां बहने भी अकेली ही पढ़ती है।

जबकि दुसरा में पुरूष हजरात के लिए 2 रकात फर्ज नमाज इमाम के पीछे यानी कि बा जमाअत भी पढ़ा जाता है दोनों को पढ़ने का तरीका कुछ अलग है।

तो आप इससे आखिर तक ध्यान से पढ़ें हमने दोनों तरीकों यानी अकेले में 2 रकात फर्ज नमाज का तरीका और इमाम के पीछे 2 रकात फर्ज नमाज का तरीका बताया है।

2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले में पहली रकात

  1. सबसे पहले आप 2 रकात फर्ज की नियत करेंगे।
  2. अगर आप नियत नहीं मालुम हो तो नीचे लिखी हुई है।
  3. नियत करने के बाद अल्लाहु अकबर कहकर नियत बांध लें।
  4. जिस तरह से हर नमाज की नियत बांधी जाती है।
  5. इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म व बिहम्दिका व तबारकसमु क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।
  6. फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  7. इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
  8. इसके बाद अलहम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पुरा पढ़ें।
  9. सूरह फातिहा पढ़ने के बाद धीरे से आमिन कहें।
  10. इसके बाद नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह को पढ़ें।
  11. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  12. रूकूअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  13. रूकूअ से उठते हुए समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहें और उठने पर रब्बना लकल हम्द कहें।
  14. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
  15. सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  16. इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर बैठ जाएं।
  17. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  18. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  19. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले में दुसरी रकात

  1. दुसरी रकात में सिर्फ तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  2. इसके बाद बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़कर अल्हम्दु शरीफ पढ़े।
  3. यहां भी अलहम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ने के बाद धीरे से आमिन कहें।
  4. फिर कोई कुरान पाक की नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह को पढ़ें।
  5. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  6. यहां भी रूकुअ में तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  7. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
  8. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए यहां भी सज्दे में जाएं।
  9. यहां भी सज्दे में तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से सर उठाकर बैठ जाएं।
  11. अब तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  12. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  13. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठ जाएं।
  14. अब तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात को पढ़ें।
  15. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
  16. और इल्लाहा पर फौरन अपने उंगली को गिरा कर सीधी कर लें।
  17. इसके बाद दुरूद शरीफ यानी दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
  18. फिर दुआए मासुरह को पढ़ें।
  19. अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए सलाम फेर लें।
  20. सबसे पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएं।

यहां आपकी 2 रकात फर्ज नमाज मुकम्मल हो गई अब अपनी मुताबिक दुआए अजकार करें।

2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – पहली रकात इमाम के पीछे

  1. सबसे पहले आप 2 रकात फर्ज की नियत करें।
  2. जिस वक्त का भी आप नमाज फर्ज अदा कर रहे हैं।
  3. नियत करने के बाद इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने के बाद नियत बांधें।
  4. अब आप सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म व बिहम्दिका व तबारकसमु क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।
  5. इसके बाद आप कुछ नहीं पढ़ें इमाम किराअत करेंगे उसी पर गौर करें।
  6. इमाम किराअत करने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे तो आप भी जाएं।
  7. अब आप रूकुअ में तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम धीरे से पढ़ें जितने में खुद सुन लें।
  8. अब इमाम समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप भी रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
  9. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए इमाम सज्दे में जाएंगे तो आप भी सज्दे में साथ में जाएं।
  10. अब आप सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  11. इसके बाद अल्लाहु अकबर इमाम साहब कहेंगे तो उठ कर बैठ जाएं।
  12. फिर फ़ौरन इमाम अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा में जाएंगे तो आप भी जाएं।
  13. यहां पर भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  14. इसके बाद इमाम अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े होंगे तो आप भी खड़े साथ में हो जाएं।

2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात इमाम के पीछे

  1. अब दुसरी रकात में सिर्फ आप किराअत सुनेंगे कुछ नहीं आपको पढ़ना है।
  2. इमाम साहब अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ लें तो आप भी अपने जुबां में ही आमिन कहें।
  3. इसके बाद इमाम सूरह आयत पढ़ेंगे तो भी आप चुप ही सुनते रहें।
  4. अब इमाम अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे तो आप भी साथ में जाएं।
  5. अब आप रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  6. इसके बाद इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
  7. इनके पीछे आप भी अपने सुनने तक रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
  8. अब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएंगे तो आप भी जाएं।
  9. फिर से सज्दे में आप कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. फिर इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर उठ कर बैठें।
  11. इसके बाद अल्लाहु अकबर इमाम दुसरी सज्दा के लिए कहेंगे तो आप भी दुसरी सज्दा में जाएं।
  12. दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  13. फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए तशह्हुद के लिए बैठेंगे आप भी साथ में उठ कर बैठें।
  14. अब आप अत्तहिय्यात इतनी आवाज़ में पढ़ें जितने में खुद सुन सकें।
  15. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
  16. फिर तुरंत इल्लाहा पर पहुंचे तो फ़ौरन उंगली को गिरा दें और सिधा कर लें।
  17. अब दुरूदे इब्राहिम पढ़ें ये भी आप अपने सुनने तक पढ़ें।
  18. इसके बाद दुआए मासुरह भी अपने सुनने तक ही पढ़ें।
  19. इसके बाद तुरंत या कुछ देर बाद इमाम साहब सलाम फेरने के लिए अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे तो आप पहले दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं फिर दुसरी बार कहने पर बाएं तरफ।

यहां तक आप की 2 रकात फर्ज नमाज इमाम साहब के पीछे पढ़ते हुए मुकम्मल हुई।

अब आप अपने मुताबिक दुआए अजकार करें फिर इमाम साहब दुआ करते हैं तो उनके साथ साथ आप भी दुआ में शामिल हो जाएं और उनके दुआ पर आमीन कहें।

2 Rakat Farz Namaz Niyat

फजर की 2 रकात फर्ज की नियत:- नियत की मैने 2 रकअत नमाज ए फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

यही अगर इमाम के पीछे नमाज अदा कर रहे हैं तो वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर कहकर नियत बांधे।

जुम्मा की 2 रकात फर्ज की नियत:- नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़ फर्ज की वास्ते अल्लाह ताला के वक्त जुम्मे का पीछे इस इमाम के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।

FAQs

आप दो फर्ज कैसे पढ़ते हैं?

हम नियत करने के बाद सूरह फातिहा और सूरह पढ़ कर रूकुअ सजदा करके अत्तहियात और दुरूदे इब्राहिम फिर दुआए मासुरह पढ़ कर दो फर्ज पढ़ते हैं।

फर्ज़ नमाज में क्या क्या पढ़ा जाता है?

फर्ज़ नमाज में सना, तअव्वुज, तस्मियह सूरह फातिहा सूरह और अत्तहियात दुरुद शरीफ और दुआए मासूरह पढ़ा जाता है।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में 2 रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका को मुकम्मल पढ़ने का तरीका बहुत ही आसानी से जाना अगर आप ने ध्यान से पढ़ा और तो आप अब आसानी से 2 रकात की फर्ज नमाज आराम से मुकम्मल कर सकेंगे यकीनन यह आपको ज़रूर पसन्द आया होगा।

अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल हो या फिर 2 रकात फर्ज नमाज से जुड़ी वसवसे हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें ताकि आपके जवाब भी मिल जाए और साथ ही इस से जुड़ी वसवसे भी दूर हो जाएं मेरा मकसद शुरू से ही यही है कि आपको पुरा इल्म आसानी से दे सकें।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो भी कुछ आपको सीखने को मिला हो तो जिन्हें नहीं मालुम हो उन सभी को आप ज़रूर बताएं जिससे वो भी आसानी से 2 रकात फर्ज नमाज आसानी से पढ़ सकें और आपको भी सवाब हासिल हो शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Zoseme. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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