Aqiqah Ki Dua Girls & Boys – अकीका की दुआ और तरीका हिन्दी में जानिए।

इस पैगाम के जरिए हम और आप आज अकिका का दुआ जानने वाले हैं, आज की इस आर्टिकल के माध्यम से हम और आप अकिका की दुआ के साथ साथ अकिका से जुड़ी सभी जानकारी जानेंगे हम में से कई लोग इस नाम को काफ़ी बार सुना भी होगा, तथा बहुत सारे लोग इस बात से परिचित नहीं होंगे।

हम आपको आपके सभी सवालों का जवाब पेश किए हैं जिसे पढ़ने के बाद आपकी सारी अकीका से जुड़ी सवाल और उलझने दूर हो जाएंगे

हम सभी का रब हमारे लिए बहुत बड़ी बड़ी नेअमतें दिया है जिसके जरिए हम अपने रब तक अपना शुक्र पहुंचा सकते हैं, हमारा रब सदका और शुक्रिया अदा करने वालों को ले हमेशा ऊंचा दर्जा बुलंद अता फरमाता है।

हम सभी का रब रब ए कायनात अल्लाह तबारक व त’आला बहुत जरिया अता किया है जिससे हम सभी अपने रब तक अपना माल दौलत का सदका पहुंचा सकते हैं, उनमें से एक ऐसे ही अनोखा सदका के बारे में हम आपको बताए हैं जिसे अकिका कहते हैं।

अकीका क्या होता है?

हम सभी अपना बच्चा पैदा होने की शुक्रिया में जो जानवर राह ए खुदाबंदी में ज़बह करते हैं उसे अकीका कहते हैं, हम सभी इस शुक्रिया को अदा अपने बच्चे के जन्मदिन के सातवें दिन या पंद्रहवें दिन या फिर इक्कीसवीं दिन करते हैं, इस दिन हमें चाहिए कि लड़के के लिए दो बकरा तथा लड़की के लिए एक बकरे का ज़बह करें।

अगर लड़के के लिए दो बकरे का इंतजाम ना हो पाए या फिर किसी कारणवश नहीं कर पाए तो एक बकरा का भी अकीका कर सकते हैं, अगर आप अकीका के लिए बड़ा जानवर यानी गाय भैंस वगैरह का ज़बह करते हैं तो दो हिस्सा लड़के की तरफ से और एक हिस्सा लड़की की तरफ से ज़बह करने की नियत करें।

Aqiqah Ki Dua

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम, बिस्मिल्लाहि वल्लाहू अकबर अल्लाहुम्मा‌ लका व इलैका हाजा अकिकतु फुलां।
फुलां की जगह पर बच्चे या बच्ची का नाम ले जो दूसरे के लिए कर रहे हैं तो बच्चे के नाम के साथ-साथ बच्चे के बाप का भी नाम जरूर ले।

इसका तर्जमा यह है कि शुरू अल्लाह के पाक नाम से जो बड़ा मेहरबान निहायत वाला है अल्लाह के नाम से जो अल्लाह बहुत बड़ा है ए अल्लाह यह अकिका तेरे लिए है, ‌ये अकीका तेरी ही खिदमत में हाजिर है, ये अकीका फलां की तरफ़ से है।

Aqiqah Ki Dua Ladki

अल्लाहुम्मा हाजिही अकीकतु बिनती फुलां दुमुहा बिदमिहा व लहमुहा बिलह मिहा व शहमुहा बिशहमिहा व अज्मुहा बिअज्मिहा व जिलदुहा बिजिलहिदा व शअरुहा बिशअरिहा। अल्लाहुम्मजअल्हा फिदाअन लिबिनती फुलां मिन्नारि व तकब्बल्हा मिन्हा कमा तक़ब्बल्तहा मिन नबी इकलमुस्तफा व हबीबिकलमुज्तबा अलैहित्तहीयतु वस्सना इन्ना सलाती व नुसूकी व मह्याय व नमाति लिल्लाहि रब्बिल आलमीन। ला शरीक लहु व बिजालि क उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्म मिन कव ल क बिस्मिल्लाही अल्लाहू अकबर कह कर ज़बह करें।

ध्यान दें:– फुलां की जगह बेटी का नाम ले अगर दूसरे की लड़की के लिए अकिका करें तो फुलां जगह लड़की और उसके बाप का नाम लें।

Aqiqah Ki Dua Ladka

अल्लाहुम्म हाजिही अकिकतु इबनी फुलां दमुहा बिदमिही व लह् मुहा बिलह मिही व शहमुहा बिशहमिही व अजमुहा बिअजि्याही वलिजदुआ बिजिलदिही व शअरुहा बिशअरिही अल्लाहुम्मजअल्हा फिदाअन लिइबनी फुलां मिन्नारि व तकबल्हा मिन्हु कमा तकब्बल तहा मिन नबीइकल मुस्तफा वहबीबिकल मुज्तबा अलैहित तहीयतु वस्सना इन्न’सलाती व नुसुकि व महयाय व ममाति लिल्लाहि रब्बिल आलमिन। ला शरीक लहु व बिजालि क उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन। अल्लाहुम्म मिन कव ल‌‌‌ क बिस्मिल्लाही अल्लाहू अकबर कह कर ज़बह करें।

ध्यान दें:– फुलां की जगह लड़का का नाम ले अगर दूसरे का लड़का के लिए अकिका करें तो फुलां जगह लड़का और उसके बाप का नाम लें।

इसे भी जाने: फातिहा का सही तरीका

अकीका करने का तरीक़ा

नियत करें:– सबसे कब्ल आपको नियत करना है कि मैं इस जानवर को खुदा की बारगाह में अपने बच्चे होने का शुक्रिया अदा कर रहा हूं।

दुआ पढ़े:– इसके बाद आपको दुआ पढ़ना है, बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम पढ़ने के बाद यदि आप लड़के के लिए अकीका की ज़बह कर रहे हैं तो उपर बताया हुआ लडके के लिए दुआ पढ़े और यदि लड़की हो तो लड़की के लिए दुआ पढ़े, अगर दुआ ना पड़े और अकीका की नियत से बिस्मिल्लाही अल्लाहू अकबर कह कर ज़बह कर दे तो भी अकीका हो जाएगा।

गोश्त का हिस्सा करना:– इसमें आपको अकीका का जानवर का गोश्त तीन हिस्से में करना है, सबसे पहले एक हिस्सा गरीबों में खैरात कर दे फिर दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और अहबाब में तकसीम करें, फिर तीसरा हिस्सा खुद रखें, अकीके जानवर का गोश्त गरीबों फकीरों रिश्तेदारों दोस्त व अहबाब को तकसीम करें या पक्का कर दे या फिर दावत करके खिलाए सब सूरते जायज है।

अंग का निपटान:– इसका मतलब यह है कि अकीके का जानवर का सभी अंग सिवाय खाल के दफन कर दें, इसकी जानवर की खाल अपने काम में लाए, गरीबों को दें या मदरसा तथा मस्जिद में सर्फ करें, इस खाल का भी वही हुकम है जो कुर्बानी की खाल का हुकम है।

बाल मुंडवाना:- अकीके में बच्चे के सर का बाल मुंडवाए और उसके बालों के वजन के बराबर चांदी या सोना उसके बराबर की कीमत खैरात करें, इसके बाद बच्चे के सर पर जअफरान पीस कर लगा देना बेहतर होता है, सबसे पहले खातून ए जन्नत हजरत फातिमा जोहरा रजिअल्लाहू अन्ह ने हजरत इमाम हसन, हजरत इमाम हुसैन, हजरत जैनब और हजरत कुलसुम रजि. के बालों के वजन के बराबर चांदी खैरात फरमाई।

FAQ

Q. अकिका कब करना चाहिए?

Ans. अकिका बच्चे के पैदाइश के सातवें दिन, पंद्रहवें दिन या इक्कीसवें दिन करना चाहिए, अगर बच्चे का अकीका जुम्मा को पड़ रहा है तो जुमेरात को ही करें, अगर इस दिन आप नहीं कर सकते हैं तो बच्चे को यौवन होने से पहले करें।

Q. अकिका क्यूं करना चाहिए?

Ans. अकिका करने से बच्चे नेक फाल होते हैं, उनपर आने वाली बालाएं टल जाया करती है, अकीका करने से हमारा रब खुश होता है सदका करने वालों को हमारा रब पसन्द करता है।

Q. अकिका किसे करना चाहिए?

Ans. हमें और आपको यह बात मालूम होना चाहिए कि अकीका फर्ज या वाजिब नहीं है, अकीका सिर्फ सुन्नत मुस्तहब है, जिसके पास इसे करने के लिए पर्याप्त रकम नहीं है तो कर्ज लेकर अकिका करना किसी भी हाल में जायज नहीं है।

Q. क्या अकिका का गोश्त को मां बाप दादा दादी और नाना नानी वगैरह को खाना चाहिए?

Ans. आवाम में यह काफ़ी मशहूर है कि बच्चा के मां बाप दादा दादी और नाना नानी अकीका गोश्त न खाएं, यह बात गलत है मां बाप दादा दादी नाना नानी सभी खा सकते हैं।

Q. कैसा जानवर अकीका के लिए होना चहिए?

Ans. अकीका के लिए जानवर का कोई भी अंग कटा छटा ना हो किसी भी अवस्था में विकलांग ना हो और उन सभी बातों का जरूर ध्यान रखें जो कुर्बानी करने के लिए एक जानवर में खूबी तलाशते हैं।

आखिरी बात

हमने इस पैगाम के जरिए आप तक अकिका की दुआ के साथ साथ अकिका से संबंधित सभी जानकारी पहुंचाने की कोशिश की है, हम उम्मीद करते हैं कि हमारी यह कोशिश जरूर कामयाब हुई होगी यह आर्टिकल आपके लिए काफी लाभदायक और सहायक रहा होगा।

हमने इसमें सभी जानकारी अच्छे तरीके से इकट्ठा करके आप तक सभी बातों को आसान भाषा में पहुंचाने की कोशिश की है हमें यह उम्मीद है कि आप सभी शब्द और वाक्य को अच्छे तरीके से पढ़कर समझ गए होंगे, हमें काफी खुशी हो रही है कि हम अपने इस कोशिश में यानी इल्म ए दीन पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Zoseme. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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