आप इस पैग़ाम के ज़रिए बहुत ही खुबसूरत और आला मरतबा का एक बहुत ही छोटी लेकिन फजीलत भरी आयत यानी आप आयतुल कुर्सी जानेंगे हम सभी मोमिन इस आयत की बरकत व रहमत से अपने इस रंज व गम भरी जिन्दगी में मुश्किलों और तबाहियों से निजात पा रहे हैं।
आपने भी बहुत बार लोगों से आयतुल कुर्सी की विशेषता ज़रूर सुना होगा अगर नहीं भी सुने हैं तो आप इस पैग़ाम के आख़िर तक आयतुल कुर्सी की फजीलत, रहमत और बरकत से रूबरू हो जाएंगे और इसकी बरकतें जानने के बाद आप अपने दिल में भी इसे समा लेंगे।
आप इस आयतुल कुर्सी को ध्यान से मन लगाकर पढ़ें और मन में बसा लें, क्यूंकि यह आपको जिन्दगी के हर कदम पर साथ देगा हमने जिस तरह से यहां पर आयतुल कुर्सी लिखा है उसी तरह अपने लफ्जों से अदब के साथ और पूरा हर लफ़्ज़ को सही से उच्चारण कर के पढ़ें।
Ayatul Kursi Hindi Mai
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल कय्युम
- ला तअखुजुहू सि नतूं वला नौम
- लहु मा फिस्समा वाति वमा फिल अर्द
- मन जल लजी यशफउ इन्दहु इल्ला बि इजनिही
- यअलमु मा बैना अयदिहिम वमा खल फहुम
- वला युही तूना बिशैइम मिन इलमिही इला
- बिमा शा अ वसिया कुरसिय्यु हुस्समावाति वल अर्द
- वला य उ दुहू हिफ्जु हुमा व हुवल अलिय्युल अजिम
आयतुल कुर्सी हिंदी में
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल कय्युम. ला तअखुजुहू सि नतूं वला नौम. लहु मा फिस्समा वाति वमा फिल अर्द. मन जल लजी यशफउ इन्दहु इल्ला बि इजनिही. यअलमु मा बैना अयदिहिम वमा खल फहुम. वला युही तूना बिशैइम मिन इलमिही इला. बिमा शा अ वसिया कुरसिय्यु हुस्समावाति वल अर्द. वला य उ दुहू हिफ्जु हुमा व हुवल अलिय्युल अजिम

Aytul Kursi in English Transliteration
Bismillah Hirrahmaan Nirraheem
Allahu La-ilaha illa Huwal Hayyul Quayyum. La Ta-AKhujuhu Si natoon Walaa Naum. Lahu Maa Fissamawati Wamma Fil Ard. Man Zal Lajji Yashfau Indahu illa Bi Iznihi. Ya’Almoo Maa Baina Aydihim Wamaa Khal Fahoom Walaa Yuhi Toona Bishai’yeim Min ilmihi ila Bima Sha A’wasiya Kurssiyu Hussamawati Wal Ard Walaa Y U’duhu Hifju Humma w Huwal Aliyyul Azim.
आयतुल कुर्सी का तर्जुमा
अल्लाह के नाम से शुरू जो निहायत मेहरबान वाला
अल्लाह है जिसके सिवा कोई मा’बुद नहीं वोह आप जिन्दा और औरों को काइम रखने वाला उसे न झपकी आए न नींद उसी का है जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ जमीन में वोह कौन है जो उस के यहां सिफ़ारिश करे बे उस के हुक्म के जानता है जो कुछ उन के आगे है और जो कुछ उन के पीछे और वोह नहीं पाते उस के इल्म में से मगर जितना वोह चाहे उस की कुर्सी में समाए हुए हैं आसमान और जमिन और उसे भारी नहीं इन कि निगहबानी और वोही है बुलन्द बड़ाई वाला।
आयतुल कुर्सी की फजीलत
- हदीस शरीफ में है कि यह आयत आयतुल कुर्सी कुराने मजिद की आयतों में बहुत ही अज़मत वाली आयत है।
- यह आयत आयतुल कुर्सी कुरआने पाक की तमाम आयतों की सरदार है यह आयत पढ़ने से घरों से शैतान निकल जाते हैं।
- हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ने से मोमिन को जन्नत में दाखिल होने से मौत के सिवा कोई चीज़ नहीं रोकती।
- जो कोई रात में सोते वक्त आयतुल कुर्सी पढ़ेगा तो अल्लाह उसे और उसके घर साथ ही अगल बगल के घरों को महफूज़ फरमा देगा।
आयतुल कुर्सी की बरकत
- जो शख्स हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ेगा वो दुनियां से रूखसत होने के बाद जन्नत में दाखिल होगा।
- हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ने से पढ़ने वाला शैतान और जिन्न की तमाम शरारतों से महफूज़ रहेगा।
- इस आयत यानी आयतुल कुर्सी पढ़ने वाले को यदि मोहताज होगा तो चन्द दिनों में मोहताजी उसकी दूर हो जाएगी।
- जो शख्स सुबह शाम और बिस्तर पर लेटते वक्त आयतुल कुर्सी फिर इसके बाद की दो आयत पढ़े तोवह चोरी आग से बचेगा।
- अगर कोई आयतुल कुर्सी पढ़ने के बाद फिर दो आयत सुबह शाम और सोते वक्त पढ़े तो वह पानी में डूबने से महफूज़ रहेगा।
- अगर सारे मकान में ऊंचे जगह पर लिख कर आयतुल कुर्सी कतबा आवेज़ा यानी अच्छी नियत से रखा जाए तो उस घर में कभी फाका न होगा बल्कि रोज़ी में बरकत और इज़ाफा होगा और उस मकान में कभी चोर न आ सकेगा।
आखिरी बात
आप ने इस पैग़ाम में आयतुल कुर्सी बहुत ही आसान और साफ़ लफ्जों में जाना आप को अच्छे से समझ में आ जाए इसीलिए हमने हिंदी जबान के अलावा इंग्लिश ट्रांसलिटरेशन में भी यहां पर बताया ट्रांसलिट्रेशन मतलब सिर्फ लिपी चेंज किया उसका मतलब या अर्थ नहीं बदला।
आप को शायद मालूम होगा की किसी भी अरबी का उच्चारण हिंदी में सही से नहीं निकल पाता है लेकिन हमने पुरी तरह से यहां पर अच्छे से हर हर्फ हर लफ्ज़ को कोशिश किया है लेकिन आप एक बार यहां से पढ़ कर याद करने के बाद ज़रूर इस की इल्म वाले शख्स या मोमिन को सुनाइएगा।
इससे फ़ायदा यह होगा कि आप अच्छे से हर एक सही लफ्ज़ में पढ़ सकेंगे और पूरा आदाब से पढ़ कर सवाब हासिल कर सकेंगे साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखिएगा, ऐ अल्लाह यहां पर पढ़ने लिखने में एक जुमला, एक लफ्ज़, एक हर्फ या एक नुक्ता का भी गलती हो गई हो तो हम सभी को अपने रहमों करम से माफ़ अता फरमा।