आज आप इस पैग़ाम में सफर की दुआ हिंदी में और साथ ही इंग्लिश भाषा में भी पढ़ेंगे, हमारे बीच बहुत मोमिन बन्दे जब भी सफर करते हैं तो इसे पहले दुआ पढ़ते हैं मालुम ना होने पर वो इंटरनेट पर सफर की दुआ सर्च करते हैं इसके बाद वो भी सफर की दुआ को पढ़ते हैं।
आज हम आपको सफ़र की दुआ बताएंगे जिससे आपको सफ़र में ज़रूर पढ़ना चाहिए, जब भी हम में से कोई अपने वतन यानी अपना इलाका छोड़ कर कहीं या किसी और जगह जाता है उसे मुसाफ़िर कहा जाता है और मुसाफिर खुद को हर बला आफत से महफूज़ रहना चाहता है।
एक ज़रूरी बात किसी भी दुआ को पढ़ने से कब्ल एक मरतबा बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ लें और इस सफर की दुआ पढ़ने से पहले भी पढ़ें फिर कम से कम 3 तीन बार दुरूद पाक भी पढ़ लें इंशाअल्लाह आप हर आफत व बरियाद से अपने आप में महफूज रहेंगे।
Safar Ki Dua In Hindi
सुब्हानल्लजी सख़्खरालना हाज़ा वमाकुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून।

Safar Ki Dua In English
Subhanallazi Sakhraalana Haza Wamakunna Lahu Mukrineen Wa Inna illa Rabbina Lamun Kaliboon.
सफर की दुआ का तर्जुमा
पाक व बुलन्द है वह खुदा जिसने इसको हमारे बस में कर दिया हालांकि हम इसको काबू में करने वाले न थे यकिनन हम अपने परवरदिगार की तरफ लौट जानें वाले हैं।
सफर को रवाना होते वक्त जब किसी भी तरह की सवारी बाइक कार बस ट्रेन या जहाज पर सवार हो जाएं और सवारी चल पड़े तो उपर लिखी सफर की दुआ पढ़ें।
क्योंकी हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर से रिवायत है कि नबी ए अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सफर पर जब भी तशरीफ फरमा होते तो 3 तीन बार ‘अल्लाहु अकबर’ कह कर दुआ को पढ़ते इसलिये दुआ का पढ़ना सुन्नत है।
जब आप सफर करते हुए मंजिल पर पहुंचे यानी सफर से अपने मंजिल या बस अड्डा स्टेशन या हवाई अड्डा पर पहुंच जाएं तो नीचे लिखी मंजिल की दुआ पढ़ें।
Safar Ki Dua In Hindi Image
अगर आप भी सफर की दुआ का इमेज सर्च कर रहे हैं तो आप की सर्च का अंजाम यहां मुकम्मल होने वाला है हमने यहां पर सफर की दुआ का इमेज भी पेश की है जिसे आप आसानी से अपने फोन गैलरी में डाउनलोड करके सहेज यानी सेव कर सकते हैं इसे फ़ायदा यह होगा कि आप बगैर नेटवर्क और इंटरनेट के भी सफर की दुआ पढ़ सकते हैं।

सफर की मंजिल की दुआ
अउजु बि कलिमातिल् लाहित ताम्माति मिन शर्रि मा ख ल क
A-Uju Bee Kalimatil Lahit Tammati Min Shari Maa Kha La Ka.
तर्जुमा:- मैं अल्लाह तआला के मुकम्मल कल्मों के साथ हर मखलूक की शरारत से पनाह चाहता हूं।
हज़रत ख़ौला बिन्त हकीम फरमाती हैं कि मैंने नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फरमाते हुए सुना कि जो शख्स किसी मन्जिल पर उतरे और ये दुआ पढ़े तो वह उस मंज़िल से कूच करने तक हर चीज़ के नुकसान से महफूज़ रहेगा।
सफर से वापसी की दुआ
ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी क लहु लहुल मुल्कू व लहुल हम्दु व हुव अला कुल्ली शइन कदिर आइबु न ताइबू न आबिदू न साजिदू न लि रब्बिना हामिदुन।
सफर से वापसी की दुआ तर्जुमा
अल्लाह तआला के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं वह एक है उसका कोई शरीक नहीं उसकी बादशाही है और वही लाइके तारीफ और वह हर चीज़ पर कादिर है हम लौटने वाले हैं तौबा करने वाले इबादत करने वाले सजदा करने वाले और अपने रब की तारीफ करने वाले हैं।
सफर की सुन्नत व आदाब
- आपको जरूरत के अनुसार किसी भी दिन सफर करना चाहिए लेकिन अगर सफर में जल्दी न हो तो जुमेरात को सफर का इरादा करें।
- सफर शुरू करने का सही और बेहतर वक्त सवेरे का है क्योंकि सुबह चलना हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि सुन्नत है।
- तन्हा सफर से बचें इससे आपकी परेशानी भी बढ़ेगी और हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अकेले सफर करने से बचने की ताकीद फरमाई है।
- अगर दो से ज्यादा सफर में हैं तो किसी एक को रहबर बनाए ताकि कोई भी अपनी मनमानी से इधर उधर न जा सके क्यों की बगैर राय मस्वारा के सफ़र में बदमजगी पैदा होगी।
- हमारी मां बहने कभी भी तन्हा सफ़र न करें औरत को हमेशा किसी महरम के साथ सफर करना चाहिए अलबत्ता सफर शहर के अन्दर हो या आधी ही दिन का क्यूं न हो।
- एक हदीस शरीफ के मुताबिक रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि अल्लाह तआला और कयामत पर इमान रखने वाली औरत के लिए महरम के बगैर सफर जायज़ नहीं।
- लिबासे सफर पहन कर अगर वक्ते मकरूह न हो तो घर में चार रकअत नफल पढ़ कर बाहर निकलें फिर अपने नजदीकी मस्जिद से रुखसत हो।
FAQs
सफर की दुआ क्या है?
सफर की दुआ ‘सुब्हानल्लजी सख़्खरालना हाज़ा वमाकुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून’ है।
सफर में कौन सी दुआ पढ़े?
सफर में ‘सुब्हानल्लजी सख़्खरालना हाज़ा वमाकुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून’ इस दुआ को पढ़े।
सफर की दुआ कब पढ़ी जाए?
सफर की दुआ सवारी पर सवार होते वक्त पढ़ी जाए, सफर की दुआ पढ़ने का सबसे सही समय यही है तो आप भी सफर की दुआ इसी वक्त पढ़े।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में सफर की दुआ हिंदी में जाना यही वह दुआ है जिसे आपको सफर के वक्त पढ़ना चाहिए साथ ही साथ आप ने सफर से मुतालिक सभी दुआएं पढ़ने का तरीक़ा भी जाना की सफर में इस दुआ को इस ऐन वक्त में पढ़ना चाहिए क्यूंकि हमने सफर की दुआ में आपको बताया भी है कि इस वक्त पर इस दुआ को पढ़ें।
आज के इस दौर में हम सभी हिफाज़त चाहते हैं और ज़िंदगी के सफर के साथ साथ अपने ज़िंदगी में की जाने वाली सफर में भी हम अपना रक्षा चाहते हैं की किसी भी तरह का अनहोनी न हो, ऐसे में हम सभी का हिफाज़त हमारा रब ही करता है इसलिये उसकी पाबंद बने और दुआ पढ़ें।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो तो इससे सभी अपने अज़ीजो अकारीब और आशीके रसूल तक पहुंचाएं और सवाबे दारैन हासिल करें अगर यहां पर आप को सवाल या सुझाव देना पूछना या देना चाहे तो कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ या बता सकते हैं मैं आपके क्वेरी का जवाब जल्द दूंगा।