Fajar Ki Namaz Ki Rakat – फजर की नमाज की रकात जानिए हिंदी में

यहां पर आज आप एक बहुत ही अजीमुश्शान व बेहद जरूरी इल्म यानी फजर की नमाज की रकात से जुड़ी मुकम्मल इल्म हासिल करेंगे, हमने यहां पर फजर की नमाज की रकात की पूरी जानकारी बहुत ही आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

जिसे पढ़ने के बाद आप एकदम आसानी से समझ जाएंगे कि आख़िरकार फजर की नमाज की रकात कितनी और कौन कौन सी होती है इसे पढ़ने के बाद आपको और कहीं नहीं ढूंढना पढ़ेगा तो ध्यान से पूरा पढ़ें और समझें।

Fajar Ki Namaz Ki Rakat – फजर की नमाज में कितनी रकात होती है?

फजर की नमाज में टोटल रकात 4 होती है यानी कि फजर की नमाज में कुल मिला कर सिर्फ 4 रकात नमाज अदा की जाती है सबसे पहले 2 रकात की सुन्नत मुअक्किदह फजर में पढ़ी जाती है इसके बाद 2 रकात फर्ज पढ़ना होता है।

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इस वक्त यानी फजर में किसी भी तरह का कोई और नमाज जैसे वाजिब या नफ्ल नहीं अदा करना होता है फजर की नमाज में औरत या पुरूष सब को 2 रकात की सुन्नत नमाज अकेले में ही पढ़ना होता है।

अगर 2 रकात की फर्ज अदायगी का तरीका बयां की जाय तो इस 2 रकात को आप पुरूष हजरात दो तरीको से अदा कर सकते हैं पहला तो अकेले यानी तन्हां और दुसरा तरीका जमात के साथ अदा कर सकते हैं।

नमाज का नामफजर की नमाज
सुन्नतों की संख्या2 रकात
फर्जों की संख्या2 रकात
टोटल रकात4 रकात
Fajar Ki Namaz Ki Rakat

फजर की नमाज में कितनी रकात सुन्नत होती है?

फजर की नमाज में सिर्फ और सिर्फ 2 रकात की सुन्नत नमाज अदा करना होता है जब फजर का वक्त हो जाए या मस्जिद की अजान फजर की नमाज के लिए कानों तक आ जाए तो सबसे पहले इसी 2 रकात को मुकम्मल करें।

अगर आप महिला जमात से हैं तो आप इसे अपने घरों में ही अदा कीजिए लेकीन अगर आप पुरूष हैं तो आप को चाहिए कि जहां भी मस्जिद हो वहां पर तशरीफ़ ले जाएं और इस 2 रकात की सुन्नत नमाज वहीं पर अदा करें।

आप भी जानते ही होंगे कि हम सभी मज़हब ए इस्लाम भाइयों के लिए मस्जिद में ही नमाज अदा करना दुरूस्त करार दिया गया है इसीलिए जहां कहीं पर भी खुदा का घर करीब या दूर हो वहां पर जा कर ही नमाज अदा करें।

फजर की नमाज में कितनी रकात फर्ज होती है?

फजर की नमाज में फर्जों की रकात भी 2 ही होती है मतलब की फजर में भी 2 रकात की फर्ज नमाज अदा करना होता है इसे आप 2 रकात की सुन्नत अदा करने के बाद पढ़ें।

इस 2 रकात की फर्ज नमाज को हमारी मां बहने अकेले यानी तन्हां खुद से अदा करेंगी जबकि हमारे भाईयों के लिए फर्ज की जमात का हुक्म है तो आप कोशिश करें कि जमात के साथ ही अदा करें तो बेहतर होगा।

लेकीन यह हरगिज़ न सोचे कि जमात छूट गई या फिर किसी कारण जमात में शरीक न कर पाएं तो इसे जाया करदें जी ऐसा हरगिज़ न करें आप बिलकुल अकेले में भी 2 रकात फजर की फर्ज नमाज को अदा कर सकते है।

क्या फजर की नमाज में नफ्ल नमाज पढ़ी जाती है?

हमने देखा कि बहुत सारे इंटरनेट यूजर इस बात का जायज़ा ले रहे हैं कि क्या फजर की नमाज में नफ्ल नमाज भी अदा करना होता है तो इसका जवाब नहीं है मतलब की फजर की नमाज में नफ्ल नमाज का शरीयत में हुक्म नहीं है।

लेकीन कितना अच्छा होगा जब एक खुदा का बंदा अपना कर्ज के साथ साथ शौक भी लौटाए मतलब यह कि हमलोग पर सिर्फ 4 रकात ही सुन्नत और फर्ज नमाज की हुक्म है तो ये तो जरूरी है लेकीन आप चाहें तो नफ्ल भी पढ़ सकते हैं ऐसे बंदे हमारे रब को बहुत पसन्द है इसे ही हमने शौक बोला।

फजर की नमाज में 4 रकात कौन कौन सी होती है?

फजर की नमाज में 4 रकात में 2 रकात सुन्नत मुअक्किदह कि नमाज है जिसे सबसे कब्ल यानि अजान या फजर का वक्त हो जानें पर शुरूआत में इसी 2 रकात को पढ़ा जाता है।

अब बची 2 रकात इस 2 रकात को फर्ज कहते हैं मतलब कि फजर की 4 रकात में से 2 रकात फर्ज होती है इसे 2 रकात की सुन्नत के बाद पढ़ा जाता है।

अगर आप मस्जिद में उस वक्त दाखिल हुए जब फजर की फर्ज जमात के साथ अदा की जा रही हो तो आप भी इसमें शामिल हो जाएं 2 रकात की सुन्नत को आप जमात मुकम्मल हो जानें के बाद भी पढ़ सकते हैं।

फजर की नमाज की रकात इस तरह से मुकम्मल करें

  • सबसे पहले 2 रकात की सुन्नत मुअक्किदह अदा करें।
  • इसके बाद 2 रकात की फजर की फर्ज नमाज अदा करें।

यह आपकी पूरी 4 रकात मुकम्मल हो जाएगी इसके बाद फजर में कोई नमाज नहीं अदा करना होता है।

आख़िरी बात

आपने इस पैग़ाम में बहुत ही उम्दा जानकारी हासिल की जिसमें आपने यह समझा कि हमें फजर में कितनी रकात नमाज और कौन कौन सी रकात नमाज पढ़नी चाहिए यकीनन आप अब जान गए होंगे क्योंकी हमने यहां पर बहुत ही आसान लफ़्ज़ों में बताया था।

अगर अभी भी आपके मन में किसी तरह का कोई वसवसा या सवाल फजर की नमाज की रकात से जुड़ी उभर रहे हैं या उत्पन्न हो रहा हो तो आप नीचे की जानिब कॉमेंट बॉक्स में जरूर अपना सवाल पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर पेश करेंगे इंशाल्लाह।

अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ भी आपको अच्छी इल्म हासिल हुई हो तो आप ऐसे इल्म को जरूरतमंदों को ज़रूर बताएं साथ ही बढ़ती टेक्नोलोजी का भी सहारा लेकर जरुर सभों तक शेयर कर पहुंचाएं साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Zoseme. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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